untitled
first two lines by akanksha.
वो दिन भी कुछ ऐसे थे
वो समय भी कुछ अलग था
तब हम कुछ और थे
और आप कुछ और
न आपको हमने समझा
न आपने हम्हें
अब हम कुछ और हैं
और आप कुछ और
और बीच मे यह दूरी
जो अब ख़त्म होती नहीं दिखती
वो दिन भी कुछ ऐसे थे
वो समय भी कुछ अलग था
तब हम कुछ और थे
और आप कुछ और
न आपको हमने समझा
न आपने हम्हें
अब हम कुछ और हैं
और आप कुछ और
और बीच मे यह दूरी
जो अब ख़त्म होती नहीं दिखती
sahi bhai sahi :)
ReplyDeletethis is beautiful, arbit! :)
ReplyDeleteaaay haaai. dil cheer ke rakh diya.
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