untitled

first two lines by akanksha.

वो दिन भी कुछ ऐसे थे
वो समय भी कुछ अलग था
तब हम कुछ और थे
और आप कुछ और
आपको हमने समझा
आपने हम्हें
अब हम कुछ और हैं
और आप कुछ और
और बीच मे यह दूरी
जो अब ख़त्म होती नहीं दिखती

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