moments gone forever

कभी कभी सपनो में
मुझे कुछ खो गए पल याद आते हैं
जो दोबारा इस समय इस संसार मे
फिर न मिले

नए रास्ते, ठिकाने ढूंढते और तलाशते
रेत के गीले ढेरों पर चलते
तालाबों में डुबकियां मारते
पेड़ो पर से कच्चे आम तोड़ते
खुले खेतो में पतंग उड़ाते
बरसते बादलों के साथ खेलते
कच्ची गीली गलियों में दौड़ते

यारी के बीते पल याद आते है
चाट और कुल्फी की दुकानों पर
गणित और विज्ञान के ट्यूशनो पर
स्कूल से भाग सिनेमा की खिड़की पर
तेज़ रफ़्तार सफ़र दोस्त की गाडी पर
धुल धूसरित हो हाफ्ते अखाड़ों की मिटटी पर
रात भर नाचते यार के जन्म दिन पर

याद आतें है कुछ भूले बिसरे लम्हें
वो क्रिकेट मैच इतवार सुबह सुबह के
पतंग उड़ाते,लड़ाते, काटते, दौड़ते और लूटते
मेलो मे घूमते, खाते, खेलते और लाइन मारते
वो स्कूल की छुट्टी के बाद मार पीट के
वो छुप छुपकर से मारे जामों के
आँखों आँखों में पहले पहले प्यार के

होली खेलते पटाखे फोड़ते मटके तोड़ते
हस्ते गाते गपियाते ख्वाब सजाते
रोते मनाते चिढाते दुःख सुख बाटते
क्या वो दिन वापस लौटेंगे ?
वो बिछड़े यार कभी फिर मिलेंगे?
क्या फिर किसी समय या किसी संसार मे
संगती के रंग में हम फिर घुलेंगे ?

Comments

Popular Posts