Maya and her Idols, Parks and Statues

लालसा 

सम्मान चाहते आतुर चेहरों को
न्याय मांगते शोषित स्वरों को
व्याकुल कुपोषित आशावान पेटों को
बे-आखर खाली स्लेटो को
न्यूनता में जीवित देहों को
दवा डाक्टर वंचित अस्पतालों में
उखड्ती टूंटती उपेक्षित साँसों को  


जड़ पाषाण क्षणिक रूपों में
अमरत्व ढूंढती उन आँखों ने
दैवत्व की मौलिक परिभाषा में
ख्याति खोजते उन हाथों ने
शीर्ष पद की लालसा में 
सत्ता उन्मत्त अंध अभिमान ने
इतिहास की उस भाषा में
भविष्य रचने के वादों ने


तपते पथ्थरों पर तराशां एक
भव्य संगमरमरी ख्वाब दिखाया है
स्वप्न सदृश श्वेत रूप दे
अँधेरे यथार्थ को झुठलाया   है
उन पथ्थरों पर चलने में
पाँव जलेंगे, और वो कहेंगे
इन्हें मुक्ति की सीड़ियाँ न समझना 
और ये रास्ते सशक्त भविष्य नहीं
झूठे भूले टूटे वादों के
निराश मरू को जाते हैं



  

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